संदेश

हाल ही की पोस्ट

   समाजवादी पार्टी का स्पष्ट रुख – आतंकवाद के खिलाफ देश के साथ खड़ी है पार्टी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  मान्यवर श्री अखिलेश यादव जी  ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि वे कानपुर में शुभम यादव के घर नहीं जाएंगे, क्योंकि वहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) कोई भी अप्रत्याशित घटना करवा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका राजा भैया से कोई व्यक्तिगत या राजनीतिक परिचय नहीं है। आतंकवाद पर समाजवादी पार्टी का स्पष्ट रुख इस मौके पर  समाजवादी पार्टी ने एक सशक्त और देशहित में स्पष्ट वक्तव्य भी जारी किया , जिसमें कहा गया: "समाजवादी पार्टी कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले पर भारत सरकार के साथ खड़ी है। भारत सरकार जो भी कठोर से कठोर निर्णय लेगी, समाजवादी पार्टी और संपूर्ण विपक्ष उस निर्णय में साथ खड़ा होगा। समाजवादी पार्टी न कभी किसी आतंकी संगठन के बचाव में उतरी थी, न कभी उतरेगी — क्योंकि हमारे लिए प्रदेश और देश सबसे पहले हैं। हम सिर्फ जनता के मुद्दों पर ही बात करेंगे और हमेशा जनता के साथ ही खड़े रहेंगे।" भाजपा...
  बीजेपी पीडीए से क्यों डर रही है? आज जब देश के गरीब, पिछड़े, दलित, अगड़ा और अल्पसंख्यक समाज को एकजुट कर ‘पीडीए’ (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) के नाम पर एक नया सामाजिक आंदोलन आकार ले रहा है, तब भारतीय जनता पार्टी की बेचैनी साफ देखी जा सकती है। बीजेपी को यह डर सता रहा है कि अगर पीडीए एकजुट हो गया, तो उसके वोटबैंक की दीवारें भरभरा जाएंगी। बीजेपी बार-बार खुद को डॉ. भीमराव अंबेडकर का सच्चा अनुयायी बताने की कोशिश करती है, लेकिन जब बात असल में बाबा साहेब के सम्मान और विचारों की आती है, तब बीजेपी और उसके नेता चुप्पी साध लेते हैं। एक बड़ा सवाल जो आज भी अनुत्तरित है – अगर बीजेपी को बाबा साहेब अंबेडकर से इतना ही प्रेम है, तो उसके वरिष्ठ नेता अरुण शौरी ने अपनी किताब में बाबा साहेब के लिए आपत्तिजनक शब्द क्यों लिखे? अरुण शौरी, जो भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, उन्होंने अपनी पुस्तक "Worshipping False Gods" में डॉ. अंबेडकर को “पाखंडी”, “देशद्रोही” और “अंग्रेजों का गुलाम” कहा है। यह न केवल एक व्यक्ति विशेष पर हमला है, बल्कि उन करोड़ों लोगों की भावनाओं का अपमान है, जो बाब...
  क्या यही है भाजपाई आँकड़ों का सच? जननी सुरक्षा योजना में बड़ा घोटाला, एक ही महिला के नाम पर 30 महीनों में 25 डिलीवरी और 5 बार नसबंदी दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत को उजागर करता एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने योगी सरकार की जननी सुरक्षा योजना पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वायरल हो रही एक तस्वीर में दावा किया गया है कि आगरा जिले में एक महिला के नाम पर पिछले 30 महीनों में 25 बार डिलीवरी और 5 बार नसबंदी कर दी गई। यह घटना सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग और फर्जीवाड़े की गंभीर मिसाल बन गई है। इस तस्वीर ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है कि क्या यही है सरकार के आँकड़ों का सच? क्या ज़मीन पर चल रही योजनाएँ केवल कागज़ों तक ही सीमित रह गई हैं? जननी सुरक्षा योजना क्या है? जननी सुरक्षा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं को संस्थागत डिलीवरी हेतु प्रोत्साहित करना और मातृ मृत्यु दर को कम करना है। इसके तहत महिलाओं को अस्पताल में प्रसव कराने पर आर्थिक सहायता दी जाती है। लेकिन इस योजना का...
  उप्र में सभी सुरक्षित हैं – सच्चाई या महज राजनीतिक बयान? मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  ने हाल ही में दावा किया कि  "उत्तर प्रदेश में सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं।"  लेकिन क्या जमीनी हकीकत भी यही बताती है? 🛑 बढ़ते अपराध और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल NCRB के आंकड़ों के मुताबिक,  यूपी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। हाथरस, उन्नाव, लखीमपुर जैसी घटनाओं ने  कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है। 🚨 मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक घटनाएं धर्म के नाम पर हिंसा और भीड़तंत्र के बढ़ते मामले बताते हैं कि  सिर्फ एक वर्ग विशेष को सुरक्षा दी जा रही है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार  चुनिंदा मामलों में ही त्वरित कार्रवाई करती है। ⚖️ बुलडोजर नीति – न्याय या भेदभाव? बुलडोजर कार्रवाई को  एकतरफा बताया जा रहा है , जिससे अल्पसंख्यक और गरीब वर्ग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कानून विशेषज्ञ भी  इस नीति पर सवाल उठा रहे हैं। 📢 निष्कर्ष: योगी सरकार का दावा है कि  यूपी अपराध मुक्त और सुरक्षित है , लेकिन हकीकत यह दिखाती है कि  अलग-अ...
  यूपी में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित" वाले बयान की बखिया कैसे उधेड़ी? देखिए सच! उत्तर प्रदेश सरकार और बीजेपी के नेता अक्सर दावा करते हैं कि "यूपी में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं" , लेकिन जब जमीनी हकीकत को परखा जाता है, तो तस्वीर कुछ और ही नजर आती है। इस दावे की बखिया उधेड़ने के लिए आइए कुछ तथ्यों और आंकड़ों पर नजर डालें। 1️⃣ हेट क्राइम और लिंचिंग की घटनाएं बढ़ीं 🔴 मॉब लिंचिंग: 2017 के बाद से यूपी में कई मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुईं, जिनमें मुस्लिम समुदाय के लोग निशाने पर रहे। गाय और लव जिहाद के नाम पर कई निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मार दिया गया। 🔴 धार्मिक नारे और धमकियां: कई शहरों में खुलेआम "जय श्री राम" नारे न लगाने पर मुस्लिम युवाओं को पीटने की खबरें आई हैं। 🔴 बुलडोजर पॉलिसी: योगी सरकार ने अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर चलाने की नीति अपनाई, लेकिन यह कार्रवाई खासतौर पर मुस्लिम घरों और दुकानों पर ज्यादा नजर आई। ➡ सवाल: अगर मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं, तो क्या सरकार इन घटनाओं पर कार्रवाई कर पाई? 2️⃣ कानून-व्यवस्था में भेदभाव? 📌 CAA-NRC प्रदर्शन: 2...
योगी राज में उत्तर प्रदेश की GDP में भागीदारी: आंकड़ों की बाजीगरी या सच्चाई? उत्तर प्रदेश सरकार दावा करती है कि राज्य की अर्थव्यवस्था ने जबरदस्त उछाल मारा है और यह जल्द ही $1 ट्रिलियन इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि यूपी की GDP देश की कुल GDP में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह वास्तविक विकास है, या सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी? आइए, इस मुद्दे का गहराई से विश्लेषण करते हैं। 1. योगी सरकार में यूपी की GDP में कितना इजाफा हुआ? 📊 आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार: ✅ 2017 में यूपी की अर्थव्यवस्था ₹10 लाख करोड़ थी। ✅ 2024 तक यह बढ़कर ₹22.5 लाख करोड़ हो गई। ✅ यूपी भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। ✅ राज्य की GDP ग्रोथ रेट 8% से ज्यादा बताई जा रही है। ➡ सवाल: अगर यूपी की अर्थव्यवस्था इतनी तेज़ी से बढ़ रही है, तो क्या आम लोगों की आय भी बढ़ी है? 2. क्या GDP ग्रोथ आम जनता तक पहुंच रही है? 📌 बेरोजगारी: यूपी में बेरोजगारी दर 2017 की तुलना में घटी है, लेकिन फिर भी बड़े पैमाने पर युवा दूसरे राज्यों में नौकरी क...
योगी राज में देश नंबर 1 बीफ सप्लायर कैसे बना? पूछने पर दलाल की सिट्टी-पिट्टी गुम! उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार को अक्सर ‘गौरक्षक सरकार’ कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने सत्ता में आते ही अवैध बूचड़खानों पर सख्त कार्रवाई करने का ऐलान किया था। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, योगी सरकार के दौरान भारत दुनिया का नंबर 1 बीफ सप्लायर बन गया! यह विरोधाभास हर किसी को हैरान कर सकता है, लेकिन जब इस पर सवाल पूछा जाता है, तो बीफ माफिया और उनके दलालों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है। आइए, इस पूरे खेल को समझते हैं। 1. बीफ निर्यात में भारत नंबर 1 कैसे बना? भारत में भैंस के मांस (Buffalo Meat) को तकनीकी रूप से बीफ कहा जाता है, और इसका सबसे बड़ा उत्पादन केंद्र उत्तर प्रदेश है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया में सबसे ज्यादा बीफ निर्यात करता है , और इसमें सबसे बड़ा योगदान यूपी से आता है। ✅ 2014 के बाद भारत का बीफ निर्यात बढ़ा ✅ योगी सरकार में यूपी बीफ एक्सपोर्ट का हब बना ✅ भारत के बीफ का मुख्य खरीदार मुस्लिम देश हैं 2. योगी सरकार के आते ही बूचड़खाने बंद हुए, फिर बीफ सप्लाई कैसे बढ़ी? जब योगी...
भारतीय राजनीति में साम्प्रदायिकता एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। खासतौर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर अक्सर आरोप लगता है कि वह चुनावों के दौरान साम्प्रदायिक मुद्दों को भड़काकर ध्रुवीकरण की राजनीति करती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे की असली वजह क्या है? आइए जानते हैं कि आखिर क्यों बीजेपी बार-बार हिन्दू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों को उठाती है और इसका फायदा किसे होता है। 1. ध्रुवीकरण से वोटबैंक की राजनीति बीजेपी का सबसे बड़ा हथियार ‘ध्रुवीकरण’ है। जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, सांप्रदायिक मुद्दों को उछाला जाता है ताकि समाज दो हिस्सों में बंट जाए। इस ध्रुवीकरण का सीधा फायदा बीजेपी को मिलता है, क्योंकि हिंदू वोट एकजुट होकर उनके पक्ष में जाने लगता है। खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, और गुजरात जैसे राज्यों में इस रणनीति को कई बार आजमाया गया है। 2. विकास के मुद्दों से ध्यान हटाना जब बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार जैसे असली मुद्दे हावी होने लगते हैं और सरकार को जवाब देना मुश्किल होता है, तो अचानक ही हिंदू-मुस्लिम, लव जिहाद, राम मंदिर, समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दे...