✍️ अभिषेक बाजपेई, प्रवक्ता – समाजवादी पार्टी
देश की सियासत एक दिलचस्प दौर से गुजर रही है। जनता के मुद्दों से भटकी हुई, सत्ता में बैठी BJP और उसकी सहयोगी NDA, आज एक ऐसे गठबंधन से घबराई हुई दिखाई दे रही हैं, जो असल में देश की आत्मा की आवाज़ है – PDA: पिछड़े, दलित, और अल्पसंख्यक।
आज जब समाजवादी पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी के नेतृत्व में PDA का परचम बुलंद कर रही है, तो यह साफ नजर आता है कि भाजपा की बेचैनी क्यों बढ़ रही है। दरअसल, PDA कोई राजनीतिक जुमला नहीं, बल्कि एक सामाजिक न्याय का आंदोलन है – वह आंदोलन जो बाबा साहब अंबेडकर, लोहिया और राममनोहर लोहिया जैसे विचारकों की विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
BJP को PDA से डर क्यों?
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सामाजिक एकता की शक्ति:
BJP की राजनीति जाति-विभाजन और ध्रुवीकरण पर टिकी रही है। PDA इसके ठीक उलट, समाज के वंचित, उपेक्षित वर्गों को जोड़ने का काम कर रहा है। यही सामाजिक एकता BJP की नींव को हिला रही है। -
मुद्दों की राजनीति:
जहां भाजपा मंदिर, धर्म और भावनाओं के नाम पर वोट मांग रही है, वहीं PDA बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और आरक्षण जैसे वास्तविक मुद्दों को लेकर जनता के बीच है। यही असली डर है – जनता अब मुद्दों पर वोट दे रही है। -
युवाओं की नई सोच:
PDA युवाओं को नेतृत्व में भागीदारी दे रहा है, उन्हें सशक्त बना रहा है। आज का युवा वर्ग भाजपा की खोखली राष्ट्रवाद की राजनीति से ऊब चुका है और PDA में अपने भविष्य की उम्मीद देख रहा है। -
महिला और अल्पसंख्यक जुड़ाव:
भाजपा की नीतियों से नाराज़ महिलाएं और अल्पसंख्यक अब PDA की ओर उम्मीद की नज़र से देख रहे हैं। यह भाजपा के लिए बड़ा राजनीतिक खतरा है, क्योंकि ये वर्ग चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
समाजवादी पार्टी – PDA की धड़कन
समाजवादी पार्टी हमेशा से वंचितों, किसानों, नौजवानों और महिलाओं की पार्टी रही है। PDA के रूप में यह विचार अब आंदोलन बन चुका है, और उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ यह ज्वार देश भर में फैल रहा है। यही वजह है कि BJP और NDA के नेता अब समाजवादी पार्टी और PDA की हर पहल पर घबराहट में बयानबाज़ी कर रहे हैं।
लेकिन हमें डराना मुश्किल है, क्योंकि हम सच्चाई के साथ हैं।
हम उस भारत के साथ हैं, जिसमें हर जाति, धर्म, वर्ग और समुदाय को बराबरी का अधिकार मिले।
हम उस भारत के लिए लड़ रहे हैं, जिसमें "सबका हक़, सबकी भागीदारी" हो – न कि सिर्फ अमीरों और पूंजीपतियों की सत्ता हो।
अंत में...
2027 में उत्तर प्रदेश और उसके बाद देश की सियासत बदलने वाली है। PDA न सिर्फ एक गठबंधन है, बल्कि यह एक सामाजिक क्रांति की शुरुआत है। और BJP को डर इस क्रांति से है – क्योंकि जब जनता जागती है, तब सत्ता हिलती है।
जय समाजवाद | जय PDA | जय भारत ✊
– अभिषेक बाजपेई
प्रवक्ता, समाजवादी पार्टी
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