उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार किसी योजना या सुधार की वजह से नहीं — बल्कि सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने की वजह से।
सरकारी आंकड़ों और ग्राउंड रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य में लगभग 5000 प्राथमिक और जूनियर स्कूल बंद किए जा चुके हैं, जिसका सीधा असर 5 लाख से ज्यादा बच्चों पर पड़ा है। ये वही बच्चे हैं जिनके पास पहले से ही संसाधनों की भारी कमी थी और अब शिक्षा का दरवाज़ा भी बंद होता दिख रहा है।
🔴 स्कूल बंद क्यों हो रहे हैं?
भाजपा सरकार के अनुसार यह कदम "स्कूल मर्जिंग" नीति के तहत उठाया गया है ताकि संसाधनों का "सेंट्रलाइजेशन" किया जा सके। लेकिन वास्तविकता यह है कि:
- गांव-गांव में चल रहे छोटे-छोटे स्कूल अब दूरदराज के केंद्रों में मर्ज किए जा रहे हैं
- छात्रों को 2-5 किमी तक पैदल जाकर स्कूल जाना पड़ रहा है
- कई माता-पिता ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है
- गिरते एडमिशन रेट और बढ़ती ड्रॉपआउट दर इसका नतीजा है
⚠️ इसका असर बच्चों पर
1. भौगोलिक दूरी = शिक्षा से दूरी
दूर के स्कूलों तक जाना गरीब बच्चों के लिए नामुमकिन हो जाता है।
2. बच्चियों के लिए संकट और गहराया
अभिभावक बच्चियों को दूर भेजने में असहज महसूस करते हैं — जिससे उनकी पढ़ाई बीच में छूट जाती है।
3. भावनात्मक नुकसान
छोटे बच्चों के लिए यह बदलाव मानसिक दबाव बन गया है।
4. ड्रॉपआउट रेट में वृद्धि
ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में तेज़ी आई है।
🧒 क्या यही है “डबल इंजन सरकार” की शिक्षा नीति?
जब केंद्र और राज्य, दोनों भाजपा के हाथ में हैं, तब यह उम्मीद की जाती है कि बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन:
- किताबें समय पर नहीं
- यूनिफॉर्म अधूरी
- स्कूल की इमारतें जर्जर
- और अब स्कूल ही गायब!
यह कैसी सरकार है जो मंदिर बना सकती है, लेकिन स्कूल नहीं बचा सकती?
🔁 तुलना करें – समाजवादी पार्टी बनाम भाजपा
पक्ष | समाजवादी पार्टी | भाजपा सरकार |
---|---|---|
स्कूल | नई स्कूलों की स्थापना | स्कूलों का विलय व बंदी |
कन्या शिक्षा | कन्या विद्याधन योजना | कोई प्रभावशाली योजना नहीं |
डिजिटल शिक्षा | फ्री लैपटॉप योजना | ठप |
युवाओं का सहयोग | बेरोजगारी भत्ता | सिर्फ पोर्टल |
"शिक्षा से खिलवाड़ नहीं होगा, समाजवादी सरकार बनेगी तो हर गांव में स्कूल फिर से खुलेंगे।"
📢 अब सवाल जनता को पूछना होगा
- क्या स्कूल बंद करना विकास है?
- क्या बच्चों को शिक्षा से वंचित करना "अमृतकाल" का हिस्सा है?
- क्या जनता सिर्फ चुनावी जुमलों से संतुष्ट रहेगी?
✊ निष्कर्ष: शिक्षा का अधिकार, कोई समझौता नहीं!
हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है। इसे छीनने वाली हर नीति और सरकार को लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देना होगा।
समाजवादी पार्टी का संकल्प है — शिक्षा बचेगी, तभी देश बढ़ेगा।
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