यूपी में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित" वाले बयान की बखिया कैसे उधेड़ी? देखिए सच!

 

abhishek bajpai

यूपी में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित" वाले बयान की बखिया कैसे उधेड़ी? देखिए सच!

उत्तर प्रदेश सरकार और बीजेपी के नेता अक्सर दावा करते हैं कि "यूपी में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं", लेकिन जब जमीनी हकीकत को परखा जाता है, तो तस्वीर कुछ और ही नजर आती है। इस दावे की बखिया उधेड़ने के लिए आइए कुछ तथ्यों और आंकड़ों पर नजर डालें।


1️⃣ हेट क्राइम और लिंचिंग की घटनाएं बढ़ीं

🔴 मॉब लिंचिंग: 2017 के बाद से यूपी में कई मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुईं, जिनमें मुस्लिम समुदाय के लोग निशाने पर रहे। गाय और लव जिहाद के नाम पर कई निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मार दिया गया।
🔴 धार्मिक नारे और धमकियां: कई शहरों में खुलेआम "जय श्री राम" नारे न लगाने पर मुस्लिम युवाओं को पीटने की खबरें आई हैं।
🔴 बुलडोजर पॉलिसी: योगी सरकार ने अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर चलाने की नीति अपनाई, लेकिन यह कार्रवाई खासतौर पर मुस्लिम घरों और दुकानों पर ज्यादा नजर आई।

सवाल: अगर मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं, तो क्या सरकार इन घटनाओं पर कार्रवाई कर पाई?


2️⃣ कानून-व्यवस्था में भेदभाव?

📌 CAA-NRC प्रदर्शन: 2019-20 में जब मुसलमानों ने CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन किया, तो पुलिस ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़ जैसे शहरों में प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं गईं, मुकदमे ठोके गए, और संपत्तियों को जब्त करने की धमकियां दी गईं।
📌 पुलिस कार्रवाई: मुस्लिम युवाओं को टारगेट कर फर्जी मुकदमों में फंसाने के कई आरोप लगे हैं।
📌 जनसंख्या नियंत्रण बिल: यूपी सरकार ने मुस्लिम आबादी को निशाना बनाते हुए जनसंख्या नियंत्रण नीति पर चर्चा की, जबकि जनसंख्या दर पहले ही घट रही है।

सवाल: क्या यह सब सुरक्षा का संकेत है, या डर का माहौल बनाया गया है?


3️⃣ राजनीतिक प्रतिनिधित्व लगभग खत्म!

📉 योगी सरकार में मुस्लिम मंत्रियों की संख्या - शून्य (0)!
📉 सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की भागीदारी लगातार गिर रही है।
📉 यूपी में बीजेपी ने मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट ही नहीं दिया!

सवाल: अगर मुसलमान यूपी में पूरी तरह सुरक्षित हैं, तो उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व को खत्म क्यों किया जा रहा है?


4️⃣ आर्थिक बहिष्कार और डर का माहौल

🛑 मुस्लिम व्यापारियों का बहिष्कार: सोशल मीडिया पर कई बार मुस्लिम दुकानों से खरीदारी न करने के कैंपेन चलाए गए।
🛑 मदरसा सर्वे: मदरसों को टारगेट कर उनकी फंडिंग पर सवाल उठाए गए, जबकि RSS और अन्य हिंदू संगठनों के स्कूलों पर कोई जांच नहीं हुई।
🛑 मुस्लिमों की संपत्तियों पर बुलडोजर: कई मुस्लिम व्यापारियों और नेताओं की संपत्तियों को अवैध बताकर गिरा दिया गया, जबकि हिंदू व्यापारियों पर ऐसी कार्रवाई नहीं हुई।

सवाल: क्या यह सुरक्षित माहौल है, या डर का माहौल बनाया जा रहा है?


🚨 निष्कर्ष: सुरक्षा या सिर्फ दिखावा?

योगी सरकार के दावों के उलट, जमीनी सच्चाई यह दिखाती है कि यूपी में मुस्लिम समुदाय डर के माहौल में जी रहा है।
गौहत्या, लव जिहाद, सीएए-एनआरसी, मॉब लिंचिंग और बुलडोजर पॉलिसी जैसे मुद्दों ने मुसलमानों को हाशिए पर डाल दिया है।
राजनीतिक और आर्थिक बहिष्कार की रणनीति के जरिए मुस्लिमों को सीमित करने की कोशिश हो रही है।

📢 तो अब सवाल आपसे – क्या यूपी में मुसलमान वाकई पूरी तरह सुरक्षित हैं, या यह सिर्फ चुनावी जुमला है? अपनी राय कमेंट में बताइए! 👇🔥

"यूपी में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित" – हकीकत या जुमला?

हेट क्राइम और लिंचिंग – मॉब लिंचिंग, धार्मिक नारेबाजी, और बुलडोजर पॉलिसी से मुस्लिम समुदाय निशाने पर।
पुलिस और प्रशासनिक भेदभाव – CAA-NRC प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई, फर्जी मुकदमे, और जनसंख्या नियंत्रण बिल जैसी नीतियां।
राजनीतिक हाशिए पर – योगी सरकार में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं, सरकारी नौकरियों और चुनावों में प्रतिनिधित्व लगभग खत्म।
आर्थिक बहिष्कार – मुस्लिम दुकानों पर बायकॉट कैंपेन, मदरसों पर सख्ती, संपत्तियों पर बुलडोजर।

🚨 निष्कर्ष: यूपी में मुसलमान असुरक्षित हैं, डर का माहौल बना है। यह बयान सिर्फ राजनीतिक जुमला लगता है। आपका क्या कहना है?

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