उप्र में सभी सुरक्षित हैं – सच्चाई या महज राजनीतिक बयान?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में दावा किया कि "उत्तर प्रदेश में सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं।" लेकिन क्या जमीनी हकीकत भी यही बताती है?
🛑 बढ़ते अपराध और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है।
हाथरस, उन्नाव, लखीमपुर जैसी घटनाओं ने कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है।
🚨 मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक घटनाएं
धर्म के नाम पर हिंसा और भीड़तंत्र के बढ़ते मामले बताते हैं कि सिर्फ एक वर्ग विशेष को सुरक्षा दी जा रही है।
विपक्ष का आरोप है कि सरकार चुनिंदा मामलों में ही त्वरित कार्रवाई करती है।
⚖️ बुलडोजर नीति – न्याय या भेदभाव?
बुलडोजर कार्रवाई को एकतरफा बताया जा रहा है, जिससे अल्पसंख्यक और गरीब वर्ग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
कानून विशेषज्ञ भी इस नीति पर सवाल उठा रहे हैं।
📢 निष्कर्ष:
योगी सरकार का दावा है कि यूपी अपराध मुक्त और सुरक्षित है, लेकिन हकीकत यह दिखाती है कि अलग-अलग वर्गों के लिए सुरक्षा के मायने भी अलग हैं। सवाल यह है कि क्या यूपी सच में सभी के लिए सुरक्षित है, या फिर यह सिर्फ एक चुनावी नारा है?
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